Aam Adami Party Punjab Meeting :- Bhagwant Mann को हटाकर पंजाब के CM बनना चाहते है kejriwal
New Delhi. Delhi में AAP की करारी हार के बाद आम आदमी पार्टी में Delhi से लेकर पंजाब तक चल रही कलह भी खुलकर सामने आने लगी है. आप प्रमुख Arvindra kejriwal ने मंगलवार (11 फरवरी) को Punjab के विधायकों की बैठक बुलाई है लेकिन उससे पहले ही 18-20 विधायक दिल्ली पहुंच चुके हैं और साफ संदेश दिया है कि CM Bhagwant mann पंजाब को ठीक से नहीं चला पा रहे हैं लिहाजा उन्हें तत्काल हटाया जाए. मान को बदलने की चर्चा दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले भी चली थी लेकिन बात नहीं बन पाई.
Mann से नाराज चल रहे विधायकों का मानना है कि यही सही मौका है मान को हटाने का. सूत्रों के मुताबिक Arvindra kejriwal को यह भी सुझाव दिया गया है कि या तो आप खुद वहां का CM बनकर विधानसभा चुनाव 2027 की तैयारी कीजिए या किसी और को सीएम बनाइये. दिल्ली हारने के बाद Kejriwal बुरी तरह फंस गये हैं कि मान को हटाते हैं तो पार्टी कहीं टूट न जाए.
केजरीवाल बनना चाहते हैं सीएम
ऐसे में दो तरह की खबरें आ रही है, पहली बात ये है कि दिल्ली की हार के पहले से ही सीएम बदलने की मांग चल रही है. यहां के नेता अरविंद केजरीवाल से अलग अलग मिलकर ऐसी मांग करते रहे हैं. पंजाब में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा का दावा है कि आप के 20 से अधिक एमएलए पार्टी छोड़ने को तैयार हैं. इनमें जालंधर, लुधियाना और बॉर्डर क्षेत्र के विधायकों की संख्या अधिक है। भाजपा के हरजीत सिंह ग्रेवाल ने भी ऐसा ही दावा किया है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान को पद से हटाए जाने की जमीन तैयार की जा रही है.
दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले जब सीएम बदलने की मांग चली थी तब स्पीकर कुलतार सिंह संधवां, वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा और कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा को सीएम की कुर्सी पर बैठाने की चर्चा भी चली थी। अब कहा जा रहा है कि बदली परिस्थितियों में इस नाराजगी की आड़ में केजरीवाल पंजाब में अपने लिए गुंजाइश देख रहे हैं.
आप की टूट का खतरा
आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को दिल्ली के कपूरथला हाउस में पंजाब विधायकों की सुबह 11 बजे बैठक बुलाई है. केजरीवाल को लग रहा है कि दिल्ली हारने के बाद पंजाब को ठीक करने की जरूरत है. यदि समय रहते वहां पर ऑपरेशन नहीं किया गया तो 2027 में पंजाब भी हाथ से निकल जाएगा या उससे पहले पार्टी टूट जाएगी और सत्ता हाथ से सरक जाएगी. पंजाब के मंत्रियों और प्रभावशाली नेताओं की दिल्ली चुनाव में ड्यूटी लगी थी, बैठक में इस पर भी चर्चा होगी कि कौन कितना सफल रहा.
इधर कुंआ उधर खाई
केजरीवाल को एक डर और है कि भाजपा चुनाव जीतकर घर नहीं बैठती, वह हमेशा तैयारियों में लगी रहती है. भगवंत मान की कुछ भाजपा नेताओं से नजदीकी उन्हें खल रही है. यदि मान को हटाया गया तो पार्टी में टूट का भी खतरा है. इस तरह केजरीवाल के लिए एक तरफ कुंआ और दूसरी तरफ खाई है. देखना है कि बुरे दिन शुरू होने के बाद पार्टी के माननीय और मान कितनी केजरीवाल की बात मानते हैं?
कांग्रेस की मजबूती आप के लिए चुनौती
अरविंद केजरीवाल के सामने अपनों की नाराजगी के साथ कांग्रेस की मजबूती सबसे बड़ी चुनौती है. बेशक दिल्ली में भाजपा ने आप को बुरी तरह हरा दिया लेकिन इस हार में भगवा पार्टी से ज्यादा कांग्रेस का हाथ है. उसके दो फीसद वोट बढ़े और आप कई सीटें गंवा बैठी. ठीक इसी तरह से पंजाब में आप की लड़ाई भाजपा से नहीं कांग्रेस से है. कांग्रेस वहां पर आप की कलह का फायदा उठाकर 2027 में सत्ता में आने की तैयारी कर रही है.
दिल्ली में आप के हारने का दूसरा बड़ा कारण वायदों का पूरा न कर पाना और केजरीवाल के झूठ को माना जा रहा है. पंजाब में भी मान सरकार चुनाव के समय किये गये वायदों को पूरा नहीं कर पा रही है. ऐसे में केजरीवाल को रास्ता ढूंढना है कि पंजाब में पार्टी कैसे एकजुट रहे और किसी भी सूरत में पंजाब की सत्ता हाथ से न निकले.
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