AI Info Overload problem : AI के दौर में लाइफ आसान बनाए। दिमाग इन्फो ओवरलोड होने से बचाए।

AI Info Overload problem : AI के दौर में लाइफ आसान बनाए। दिमाग इन्फो ओवरलोड होने से बचाए।

क्या आपके साथ ऐसा हुआ है की आपको घर के लिए टीवी या फिर कुछ ओर खरीदना है और आपके इसके लिए बेस्ट ऑफर्स ऑप्शन सर्च कर रहे हैं और आखरी में खुद को थका और निराश महसूस करते हैं। अगर आपके साथ ऐसा है, तो आप इन्फो ओवरलोड के शिकार हो सकते हैं। हम यह नहीं कह रहे की किसी चीज को खरीदने या कुछ करने से पहले रिसर्च करना गलत है लेकिन एक सीमित और सही रिसर्च और हद से ज्यादा रिसर्च के बीच बड़ा फर्क होता है और यह सब होता है। हमारी अपनी आदत से जो काम का है जिसके साथ वह भी जनना होता है जो हमारे किसी मतलब का नहीं क्योंकी सब मोबाइल पर उपलब्ध है। इसके अलावा जमाना सोशल मीडिया और एआई तकनीक का है। दूसरों की जिंदगी में ताक झाक करना बहुत से लोगों का शगल बन गया है। सब जनना है भले वह काम का हो या ना हो। कभी सोचा है की ऐसा कर हम अपना सिर दर्द बढ़ा रहे हैं। क्योंकी एक तरफ पर्सनल लाइफ तो दूसरी तरफ वर्क लाइफ में बैलेंस करने के लिए वैसे ही हमें दोनों से जुड़ी हर एक जानकारी को लेकर अपडेट रहना होता है उस पर दूसरों की जिंदागी में घुसने का शौक हमें इन्फो ओवरलोड कर रहा है और इसका असर पड़ता है हमारे प्रोडक्टिविटी पर जिंदागी की गुणवत्ता पर।
इन्फो ओवरलोड एक ऐसी स्थिति है जब किसी व्यक्ति के पास इतनी अधिक जानकारी हो जाती है की उसे सही तरीके से समझना प्राथमिकता देना और निर्णय कठिन हो जाता है इसके चलते व्यक्ति तनाव का शिकार हो जाता है उसके काम करने की क्षमता में कमी आती है और गलतियां होने लगती है। क्योंकी इतनी अधिक जानकारी को अच्छी तरह से प्रबंधित कर फिल्टर नहीं किया जा सकता। इसके कारण घबराहट और चिंता बढ़ाती है और असुरक्षा की भावना पैदा होती है। अत्यधिक जानकारी के करण व्यक्ति के मानसिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। कई बार ऐसा महसूस होता है की सब कुछ संभाल नहीं पा रहे हैं। वस्तविकता और कब कल्पना के बीच अंतर समझ में नहीं आता।
हालही में एक रिसर्च में वैज्ञानिकों ने इन्फो ओवरलोड को प्रदूषण का एक नया रूप बताया। शोध के मुताबिक इन्फो ओवरलोड से हम व्यक्तिगत जानकारी को सही से प्रोसेस नहीं करवाते वही सामाजिक स्तर पर समाज इससे प्रभावित होता है। वैज्ञानिकों का कहना है की समस्या से निपटने के लिए स्कूलों में ” सूचना परिस्थिति तंत्र ”  को पढ़ाना चाहिए
क्या है वजह
  • डिजिटल कनेक्टिविटी से हम स्माटफोन, सोशल मीडिया और मैसेजिंग एप से लगातर जुड़े रहते हैं। हर समय अपडेट मिलते रहते हैं। ऐसे में कई बार निर्णय लेने में परेशानी महसूस करते हैं। सही जानकारी तक पहुंच ही नहीं पाते।
  • मल्टीटास्किंग एक साथ कई कम करने से मस्तिष्क पर दबाव पड़ता है। इससे मस्तिष्क थक जाता है और ध्यान सही से नहीं लग पता। इससे काम धीमा होता है और गलतियां होती हैं।
  • सही सूचना फिल्टर नहीं। अगर हम जानकारी को सही से फिल्टर नहीं करते तो अनावश्यक जानकारी इकट्ठा होती रहती है। बहुत जरूरी जानकारी कई बार खो जाति है।
क्या है दुष्परिणाम?
  • प्राथमिकता नहीं कर पाते। जब बहुत सारी जानकारी मिलती है तो यह समझना मुश्किल हो जाता है की कौन सी जानकारी सबसे जरूरी है। इससे समय की बर्बादी होती है।
  • प्रोडक्टिविटी में आती कमी जब हम अपने दिमाग को जरूरी और अनावशयक दोनों प्रकार की जानकारी से बढ़ते हैं तो जरूरी कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होती है।
  • निर्णय लेने में दिक्कत सही और समय पर निर्णय लेने में आवश्यक जानकारी तक पहुंच होना चाहिए।
  • फोकस होने में परेशानी सूचनाओं का बोझ खुद पर ज्यादा लड़ने से मानसिक स्पष्टाता और प्रभावित तरीके से सूचना प्रोसेस करने की क्षमता कम हो जाती है।
बचाओ के तरीके
  • बनाए टाइम टेबल हर छोटे से छोटे काम का निर्धारित हो जिम जाने का समय हो या खाने का मोबाइल देखने का समय तय करें। कार्य समृद्धि नोटिफिकेशन बंद करें।
  • परिवार को दे समय मोबाइल की जगह परिवार के साथ समय बिताएं अपने आसपास किताब रखें।
  • दिनचार्य में सुबह की धूप प्रकृति में थोड़ा समय व्यातित करना आदि शामिल करें।
  • डिजिटल डिटॉक्स मोबाइल सोशल मीडिया, टीवी और अन्य से दुरी बनाएं।
  • मेडिटेशन और चेटिंग करें। अपने कामों की प्लैनिंग करें। इससे हमारा मस्तिका सकारात्मक होता है।
  • सोशल एक्टिविटीज से जुड़े खली समय मैं किसी भी सामाजिक गतिविधि से जुड़े या जो भी गतिविधि आपको रुचिकर लगती हो उससे संबंधित लोगों के समूहों से जुड़े। जैसे मॉर्निंग वॉक क्लब, लाफिंग क्लब या फिर बुक रीडिंग क्लब। जब ओवरलोड महसूस करें तो आत्मा संवाद करें। भावनाओं को बेहतर तरीके से संभाल पाएंगे।
  • ऑफिस मीटिंग में अगर आप नोट्स बनाते हैं तो महत्वपूर्ण बिंदु का सारांश बनाएं जिससे आपकी समझ ओर बेहतर होगी।
  • टास्क स्विचिंग कम करें मल्टीटास्किंग से बचे इससे प्रोडक्टिविटी कम होती है। एक समय में एक ही काम पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करें। छोटे-छोटे ब्रेक्स ले। 

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