AI Platform in India : स्कूल में एआई से अटेंडेंस लग रही, किसानों की आय दोगुनी हुई
नई दिल्ली. इस साल की शुरुआत में आयोजित प्रयागराज कुम्भ एआई (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) ने 5 लाख से अधिक कारों की पार्किंग को आसान बना दिया। कर्नाटक ने एआई से मिर्च उगाने वाले किसानों की आय दोगुनी करने में सफलता हासिल की है, तो महाराष्ट्र- पश्चिम बंगाल में सिर्फ बोलने से एआई चैटबॉट के जरिये समस्याएं तेजी से हल हो रही हैं। वहीं सिर्फ प्रिस्क्रिप्शन देखकर एआई के जरिये भविष्य में होने वाली बीमारियों का अनुमान लगाया जा रहा है।
भारत में आई एआई क्रांति की मिसाल है। देश के सरकारी सिस्टम में न्यू नॉर्मल है। लगभग हर केंद्रीय मंत्रालय एआई की सेवा ले रहा है। राज्य सरकारें भी नवाचार कर रही हैं। एआई के बढ़ते इस्तेमाल से भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से बदल रही है। मैकिन्जी ग्लोबल इंस्टीट्यूट का अनुमान है कि 2035 तक एआई से भारत की अर्थव्यवस्था पर 1,365 लाख करोड़ रुपए का आर्थिक प्रभाव होगा। जानिए देश में कहां-कैसे एआई का इस्तेमाल हो रहा है।
एआई रोबोट ट्रेन का फॉल्ट बता रहा, म्यूल अकाउंट भी पता चलेंगे
- कृषि मंत्रालय: बीज, मिट्टी, पानी की जानकारी देने पर एआई चैटबॉट बताता है कि फसल कैसी होगी। पैदावार कैसे बढ़ा सकते हैं। नेशनल पेस्ट सर्विलांस सिस्टम एआई और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल कर फसल को होने वाले संक्रमण से आगाह करता है। इससे फसल जलवायु परिवर्तन से होने वाले नुकसान से बच रही है। किसान ई-मित्र मोबाइल एप पीएम किसान सम्मान निधि पाने वाले 9.8 करोड़ किसानों को आवेदन, भुगतान, अपात्रता की तत्काल जानकारी देता है।
- वित्त मंत्रालय: 100 करोड़ रु. का प्रोजेक्ट एआई और मशीन लर्निंग से बैंक अकाउंट्स का ट्रेंड्स बताता है। इससे उन ‘म्यूल’ अकाउंट की पहचान किए जाने की भी योजना, जहां साइबर ठग धोखेबाजी से इकट्ठा किए धन को जमा करते हैं।
- रेल मंत्रालय : आईआरसीटीसी का एआई रोबोट उस्ताद ट्रेनों में फॉल्ट ढूंढ़ता है। यह फोटो और वीडियो से 360 डिग्री व्यू देता है। इससे रियल टाइम मॉनिटरिंग संभव हुई है। मानवीय भूल की आशंका कम हुई है।
स्कूल में एआई से अटेंडेंस लग रही, किसानों की आय दोगुनी हुई
- 1) गुजरात में एआई टूल वाचन समीक्षा का इस्तेमाल 33 जिलों के 33,000 स्कूलों में 1.2 लाख टीचर्स कर रहे हैं। यह बच्चों की पढ़ने की क्षमता के साथ सीखने के स्तर, दाखिले, ‘ड्रापआउट’ पर नजर रखता है। इससे बच्चों की उपस्थिति 26% बढ़ी है। इसे अन्य राज्यों में भी लागू किया जा रहा है। असम के स्कूलों में फेस रिकग्निगशन से उपस्थिति लग रही। तेलंगाना सरकार ने खम्मम जिले में 7,000 मिर्च किसानों को बॉट एडवाइजरी सर्विस, मिट्टी परीक्षण तकनीक, एआई आधारित टेस्टिंग और बाजार उपलब्ध कराया। इससे मिर्च की पैदावार 21% बढ़ गई। किसानों की आय दोगुनी हो गई है।
- 2) उत्तर प्रदेश राज्य की 70 जेलों में कैदियों की निगरानी एआई वीडियो एनालिटिक्स प्लेटफॉर्म जारविस के जरिये कर रहा है।
- 3) महाराष्ट्र ‘आपले सरकार बॉट’ तो पश्चिम बंगाल सरकार ‘द्वारे सरकार’ के जरिये लोकसेवाओं की जानकारी दे रही हैं। इससे लोगों को अलग-अलग विभागों में नहीं भटकना पड़ता और उनकी शिकायतें या काम जल्दी हो रहे हैं
एआई प्लेटफॉर्म सॉल्यूशन के लिए सबसे जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर है ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट यानी जीपीयू । भारत एकमात्र देश है, जहां सरकार सब्सिडाइज्ड दर पर जीपीयू की कॉमन कंप्यूटिंग फैसेलिटी मुहैया करा रही है। जो जीपीयू 400रु./घंटे की दर पर उपलब्ध होता है, उसे 60-70 रु./घंटे पर मिल रहा है। डेवलेपर्स की मदद के लिए भी 2000 करोड़ रुपए का फंड बनाया है। डेटा भी सरकार मुहैया करा रही है और जो सॉल्यूशन विकसित होंगे उन्हें अपनाने में भी सरकार मदद करेगी। यानी देश में एआई का इकोसिस्टम बन चुका है।
उम्मीद है साल खत्म होने तक देश के पास चैटजीपीटी, गूगल जैमिनी और डीपसीक जैसा अपनी भाषा व संस्कृति अनुकूल स्वदेशी चैटबॉट एआई मॉडल होगा। कृषि, हेल्थकेयर, आपदा प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन जैसे विषयों पर 18 एआई एप्लीकेशन मॉडल बनाने का काम चल रहा है। एआई से लोगों का जीवन भी आसान हो रहा है। वॉइस टेक्नोलॉजी से यात्री बोलकर टिकट खरीद रहे हैं। आप समूचा ट्रैवल प्लान बना सकते हैं। छात्रों को स्कॉलरशिप के विकल्प क्या उपलब्ध हैं, वह एक ही स्थान पर मिल सकते हैं।
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