America talk about Russia : अमेरिका की डील वाली G7 डिप्लोमेसी।

वाशिंगटन. यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की तीसरी वर्षगांठ के अवसर पर जारी संयुक्त बयान को लेकर जी-7 देशों के सदस्यों के बीच कूटनीतिक विवाद शुरू हो गया है। अमरीका ने इस वक्तव्य में ‘रूसी आक्रामकता’ शब्द का उल्लेख करने का विरोध किया है। अमरीका ने कहा है कि इसकी जगह यूक्रेन संघर्ष शब्द का इस्तेमाल किया जाए। इतना ही नहीं, अमरीका ने संयुक्त राष्ट्र के उस प्रस्ताव के मसौदे को सह- प्रायोजित करने से इंकार कर दिया है, जिसमें यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता का समर्थन करते हुए यूक्रेन से रूस के सैनिकों को वापस बुलाने की मांग की गई है।
यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में अमरीका का यह रवैया बाइडन प्रशासन और उसके जी-7 सहयोगियों द्वारा पिछले तीन वर्षों में युद्ध के प्रति अपनाए गए रुख के बिल्कुल विपरीत है। अमरीका का यह रवैये ऐसे समय आया है जबकि अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की को चुनाव नहीं कराने वाला तानाशाह कहा है।
यहा भी देखे : Biden hates PM Modi : मोदी को हराने के लिए पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ने 182 करोड़ डॉलर भारत में खर्च किए।
जेलेंस्की खनिज समझौते पर बात करें- अमरीका
अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से मांग की है कि वह अमरीका के साथ खनिज सौदे पर बातचीत पर वापस लौटें। वाल्ट्ज ने कहा कि
राष्ट्रपति ट्रंप जेलेंस्की के रवैये से बहुत निराश हैं। गौरतलब है कि जेलेंस्की ने सुरक्षा गारंटी नहीं होने के चलते यूक्रेन की खनिज संपदा में हिस्सेदारी देने से इंकार कर दिया था।
Discover more from
Subscribe to get the latest posts sent to your email.