Biden hates PM Modi : मोदी को हराने के लिए पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ने 182 करोड़ डॉलर भारत में खर्च किए।

भारत में अमेरिकन आर्थिक सहायता से मतदान प्रतिशत बढ़ने का मुद्दा एक बार फिर उस समय सुलग गया जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आईएसए को बंद करने के फैसले को उचित बताते हुए पूर्ववर्ती जो बाइडेन सरकर को कटघरे में खड़ा किया, ट्रंप ने बुधवार को फॉरेन इंस्टीट्यूट इन्वेस्टर सम्मेलन में यह कहकर विवाद बढ़ा दिया की हमें भारत में मतदान के लिए 2.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर खर्च करने की क्या जरूरत है। मुझे लगता है की बाइडेन किसी ओर को निर्वाचित कराने की कोशिश कर रहे थे। ट्रंप के बयान को पहली बार भारत में चुनाव को प्रभावित करने की स्वीकारोक्ति मानते हुए। गुरुवार को यहां राजनीतिक गर्मा गई और बाइडेन प्रशासन के द्वारा किए गए भारत के चुनाव में हस्ताक्षेप का मुद्दा फिर सुलग गया।
भारतीय चुनाव को प्रभावित करने के आरोप के बाद भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर विदेशी एजेंसीओ के लिए टूल की तरह कम करने का आरोप लगाया ओर कई पुराने वीडियो साझा कर यह साबित करने की कोशिश की।
दूसरी ओर कांग्रेस ने ट्रंप की बात को बकवास करार दिया और केंद्र सरकर से पीछले दशकों में सरकारी और गैर सरकारी संगठनओं को मिली सहायता पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की।
भाजपा का आरोप है की राहुल ने की थी विदेशी दखल की अपील। आईटी सेल के प्रमुख मालवीय ने X पर राहुल गांधी का मार्च 2023 का वीडियो साझा करते हुए आरोप लगाया की लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष भारत के हितों के खिलाफ काम कर रहे हैं। मालवीय ने कहा की राहुल वीडियो में अमेरिका व यूरोप से भारत में दखल देने की अपील कर रहे हैं। मालवीय ने कहा की ट्रंप ने पुष्टि की है की भारत के चुनाव को प्रभावित करने और प्रधानमंत्री मोदी की जगह किसी और को लाने की कोशिश की गई थी।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा सियासी बम फोड़ा है। भारत में वोटर टर्नआउट बढ़ने के नाम पर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिडेन का प्लान 182 करोड़ का फंड देकर किसी अन्य नेता को चुनाव जिताने की योजना थी लेकिन ऐसा हुआ नहीं और पुनः प्रधानमंत्री मोदी विजय हुए और एनडीए की सरकर बनी।
यह बड़ा खुलासा हम भारत सरकर को बताएंगे। मियामी में सऊदी सरकर द्वारा आयोजित आईएफई सम्मेलन में गुरुवार को ट्रंप ने कहा की मेरे राष्ट्रपति बनने से पहले सरकारी खजाने का मनमाने तरीके से इस्तेमल हो रहा था। वोटर टर्नआउट के नाम पर अमेरिका की उस एड संस्था ने भारत को 182 करोड़ का फंड दिया। ट्रंप ने कहा, अमेरिका में चुनाव के दौरान रूस ने मात्र 2000 डॉलर के इंटरनेट विज्ञापन दिये तो बड़ा मुद्दा बन गया था। जबकी अमेरिका भारत के चुनाव में बड़ी रकम की फंडिंग कर रहा था। ट्रंप ने यह भी कहा, बांग्लादेश के राजनीतिक हालात में सुधार के लिए अमेरिका ने 211 करोड़ रुपए से ज्यादा का फंड दिया। मेरा मानना है की एशिया के देश अपने बूते अच्छा कम कर रहे हैं। अमेरिका को उन्हें पैसे देने की जरूरत नहीं है।
चीन के मुद्दे पर ट्रंप ने कहा की, चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग और मेरे अच्छे संबंध है ऐसे में अमेरिका और चीन के बीच जल्द नई ट्रेड डील के असर है। ट्रंप ने कहा जैसे मुझे अमेरिकी हितों से प्यारा है। उसी प्रकार जिनपिंग भी चीन के हितों से प्यार करते हैं इससे दोनों देशों के बीच प्रतिस्पर्धा होती है। उन्होंने कहा दोनों देशों में ट्रेड डील से कोई रस्ता निकल जाएगा यह संभव है। इस बीच चीनी विदेश मंत्रलय ने दोहराया है की ट्रेड टैरिफ में कोई विजेता नहीं होता है। बता दे की ट्रंप ने पहले चीन पर 20% टैरिफ लगाने का एलान किया था। लेकिन बाद में उसे 10% कर दिया।
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