Children’s toys : बच्चों के खिलौने चुनने से पहले रखे ध्यान।
घर में आये नन्हे मेहमान के लिए खिलौने के ढेर लग जाते हैं। सब चाहते हैं की बच्चा उनसे खेले और मस्ती करें लेकिन इसके साथ ही कुछ खिलौने उसके बेहतर विकास के लिए भी दिजिए। पैदा होने के तीन से छ महीने तक से का तीवरा परिवर्तन होते रहते हैं। आईएसलिए उसके शरीर और मानसिक विकास के लीहज से हर छोटी बात का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। ऐसे में उसके खिलौने को कैसे भूल सकते हैं। अपने बच्चे को कोई भी खिलाउना सिर्फ आईएसलिए ही ना डे की वाहन आपको अच्छा लग रहा है। कुछ खिलौने उसके विकास को ध्यान में रखकर भी डे सकते हैं। चाउपने वाले खिलौने छोटे बच्चों में मसूड़ों में बहुत मिसमीसत होती है। इसके चलते भी अक्सर अपनी ऊंगाली या फिर कोई और चीज मसूड़ों से दबाने की कोशिश करते हैं जो उनके लिए हनीकारक है। उन्हें चौबाने वाले खिलौने डे। इससे उनकी मसूड़ों की मिसमिस हार्ट कम होगी। वाह झगड़ा भी मजबूत होगा। साथ ही हाथों की मांसपेशियां भी मजबूत होगी। बच्चे को बीपी ए फ्री मुलायम। मुलायम फीडिंग चाबिया डे या फिर सिलिकओं इधर भी दिये जा सकते हैं। खिलौने ज्यादा करें ना हो इसका ध्यान रखें। इन पर टेक्स्टउरे हो तो और भी अच्छा है। क्योंकी यह बच्चों को अधिक आकर्षित करते हैं। झूनझूने जैसे खिलौने आईएस उम्र में बच्चे अपने हाथों की मांसपेशियों और तालमेल को समझ का विकास कर रहे होते हैं। आईएसलिए जो न्यूज है जैसे खिलौने बच्चे को देना बढ़िया राहटा है। क्योंकी आईएसमें बेहतर पकड़ के लिए हैंडल होता है जो उन्हें चीजेन पकड़वाने का अभ्यास कराने के लिए अच्छा है। ऐसे खिलौने की मदद से बच्चे की क्षमताएं भी विकसित होती है। इनके अलावा। झूनझूने में एक सुंदर सी आवाज भी होती है जो उनकी श्रावण इंद्रियों को उत्तेजित करती है। खिलाऊंओं की इन आवाजओं से बच्चे तेज और धीमी धवैनियों को सकते हैं।
छवी दिखाने वाले खिलौने बच्चे स्वाभाविक रूप से चेहरों की और आकर्षित होते हैं अनमेन उसका अपना प्रतिबिंब भी शामिल है। एक सुरक्षित बेवे मिरर को 10 से 12 इंच की दुरी पर रखें तकी उन्हें इससे कोई नुकसान ना पहुंचे। हलअंकी सूनिश्चित करें की वाह आईएसमें खुद को स्पष्ट रूप से देख पाए। क्योंकी जब वे आईएसमें खुद को देखेंगे तो इससे उनकी ध्यान केंद करने की क्षमता में सुधार होगा। यह चेहरे के हावभाव पहचानने में मददगर होगा। ध्यान रहे मीरा ऐसा चुने जो टूटने वाला ना हो और उसके किनारे भी मुलायम और गोल हो तकी बच्चा सुरक्षित रहा है।
रंगीन फ्लोर प्लेट मेट कुछ बच्चे जहां सात से 10 महीने में घुटनों के बल चलना शुरू कर ते हैं वहीं कुछ दिन से चार महीने में ही चलने लगते हैं। वे मांसपेशियों के बेहतर विकास और मजबूतई का परिणाम होता है। ऐसे में जब बच्चा घुटनों के बल चलना और सर अपना शुरू कर डे तो उस उस इसके लिए अतिरिक्त समय डे क्योंकी यह गतिविधि उसकी गरदन, हाथ और पैर की मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करती है। जो आगे चालकर पलटने, बैठने, चलने जैसी गतिविधियों के लिए अवशयक होती है, वे आईएसमें रुचि ले। इसके लिए वीभिन्न आकर रंगों और चित्रों वाले में बिछा सकते हैं। आईएसमें इसका ध्यान रखें।
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