साइबर ठगों ने ऑनलाइन लूट के लिए नया रास्ता अपनाया है। वे मोबाइल या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के चैट बॉक्स में अनजान मैसेज व ब्लर फोटो भेज रहे हैं। इस पर जाने-अनजाने में क्लिक करते ही फोन ठगों के इशारों पर नाचने लगता है। फिर तो बिना ओटीपी पासवर्ड ही खाते खाली हो रहे हैं। ठग अब इसी हाइटेक स्टेगनोग्राफी तकनीक से लोगों को निशाना बना रहे हैं। विशेषज्ञ बताते हैं, स्टेगनोग्राफी एपीके फ्रॉड का एडवांस वर्जन है। इससे मोबाइल से डेटा और बैंकिंग संबंधी जानकारी चुराई जा रही है। इंदौर व जबलपुर में ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। साइबर सेल में पहुंची शिकायतों से ठगी के नए पैटर्न का खुलासा हुआ है।
इंदौर में एक पीड़ित ने साइबर सेल में शिकायत की, बैंक का URL ढूंढ़ने के लिए सर्च इंजन पर अनजान वेब एड्रेस पर क्लिक कर दिया। मोबाइल में कस्टमर सपोर्ट डॉट डाउनलोड हो गया। बाद में खाते से 3 लाख रुपए गायब हो गए। इसी तरह किसान सम्मान योजना का फायदा बताने से जुड़ा वेब एड्रेस एक पीड़ित के मोबाइल पर आया। क्लिक करते ही ऐप डाउनलोड हुआ और दो लाख रुपए की ठगी हो गई।
फोटो पर क्लिक और रुपए गायब
28 मार्च को जबलपुर में प्रदीप जैन को अनजान नंबर से कॉल आया। कॉलर ने वाट्सऐप पर एक बुजुर्ग की तस्वीर भेजी। पहले पूछा-इसे पहचानते हैं? उन्होंने इनकार किया कर फोन काट दिया। थोडी देर बाद फिर ठगों ने कॉल किया और प्रदीप को फोटो पर क्लिक करने के लिए उकसाया। जिज्ञासावश प्रदीप ने क्लिक किया। इसी के साथ फोन हैक हो गया। खाते से मिनटों में ही दो लाख रुपए ठगों ने उड़ा लिए।
Cyber Crime Digital Arrest News : ऑनलाइन लूट के लिए नया रास्ता, सोशल मीडिया अनजान मैसेज व ब्लर फोटो भेज रहे हैं।
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