नईदिल्ली (एजेंसी) इमरजेंसी के 50 साल पूरे होने पर पीएम नरेन्द्र मोदी ने सोशल मीडिया एक्स @narendramodi लिखा, यह भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक है। भारत के लोग इस दिन को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाते हैं। 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल की घोषणा की थी
25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल की घोषणा की थी। यह 21 मार्च 1977 तक (21 महीने) तक लागू रहा था। मोदी ने आगे लिखा कि हम आपातकाल के खिलाफ लड़ाई में डटे रहने वाले हर व्यक्ति को सलाम करते हैं। ये पूरे भारत से, हर क्षेत्र से, अलग-अलग विचारधाराओं से आए लोग थे, जिन्होंने एक ही उद्देश्य से एक-दूसरे के साथ मिलकर काम किया। भारत के लोकतांत्रिक ढांचे की रक्षा करना और उन आदर्शों को बनाए रखना, जिनके लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया। यह उनका सामूहिक संघर्ष ही था। इस दिन, भारतीय संविधान के मूल्यों को दरकिनार कर दिया गया, मौलिक अधिकार छीन लिए गए, प्रेस की स्वतंत्रता को खत्म कर दिया गया। कई राजनीतिक नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, छात्रों और आम नागरिकों को जेल में डाल दिया गया।
पीएम मोदी बोले- इमरजेंसी के वक्त मैं आरएसएस का युवा प्रचारक था
मोदी ने अपनी पोस्ट में द इमरजेंसी डायरीज नाम की बुक का भी जिक्र किया। पीएम ने लिखा, जब आपातकाल लगाया गया था, तब मैं आरएसएस का युवा प्रचारक था। आपातकाल विरोधी आंदोलन मेरे लिए सीखने का एक अनुभव था। इसने हमारे लोकतांत्रिक ढांचे को बचाए रखने की अहमियत को दिखाया। साथ ही, मुझे राजनीतिक स्पेक्ट्रम के सभी लोगों से बहुत कुछ सीखने को मिला। मुझे खुशी है कि ब्लूक्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन ने उन अनुभवों को किताब के रूप संकलित किया है।
इमरजेंसी पर अन्य नेताओं के बयान।
- भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, 50 साल पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा की थी, जो कोई राजनीतिक घटना नहीं बल्कि लोकतंत्र पर सीधा हमला था।
- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आपातकाल को लोकतंत्र का काला अध्याय बताते हुए इसे लोकतंत्र पर धब्बा बताया। जो लोग इस कलंक के लिए जिम्मेदार हैं। ये लोग कभी इससे बाहर नहीं आ सकते और इस कलंक से मुक्त नहीं हो सकते।
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लिखा, कांग्रेस में जो लोग हाथ में संविधान की कॉपी लेकर घूमते हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि 50 साल बाद भी भारत उनके अत्याचार को आज भी याद कर रहा है।
Emergency In India 1975: कांग्रेस ने लोकतंत्र को ही कैद किया,आजादी छीनी।
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