Gold Card Policy in America : गोल्ड कार्ड से अमेरिकी कंपनियां यहां पढ़ रहे भारत के टैलेंटेड स्टूडेंट्स को जॉब्स
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प गोल्ड कार्ड को उछाल रहे हैं। लेकिन अमेरिका में रहने वाले लगभग 15 लाख भारतीयों से जुड़े ग्रीन कार्ड और एच-1 बी वीसा पर चुप्पी साधे हुए हैं। एच-1 बी वीसा कैटेगरी में सबसे ज्यादा भारतीयों को अमेरिका में एंट्री मिलती है। पिछले साल 1.20 लाख कुल एच-1 बी वीसा में से 72% भारतीयों को ये जारी हुए थे। चुनाव प्रचार के दौरान ट्रम्प एच-1 बी वीसा पर नरम-गरम बयान देते रहे हैं। एच-1 बी को लेकर आशंका इसलिए भी है क्योंकि 2020 में ट्रम्प इसे अस्थायी तौर पर बंद कर चुके हैं। यही हाल ग्रीन कार्ड का भी है। अमेरिका में लगभग 10 लाख भारतीय ग्रीन कार्ड के इंतजार में हैं। वेटिंग लिस्ट के हिसाब से देखें तो 195 साल में ये पूरी होगी। क्योंकि अमेरिका में हर साल दस लाख ग्रीन कार्ड में से हर देश को 7% ही कोटा मिल पाता है। ऐसे में भारतीयों की वेटिंग लिस्ट लगातार बढ़ रही है।

अमेरिका से बाहर 44 करोड़ नेटवर्थ वाले 20 लाख लोग और ट्रम्प 1 करोड़ लोगों को बुला रहे
ट्रम्प गोल्ड कार्ड से एक करोड़ लोगों को नागरिकता का ऑफर दे रहे हैं, लेकिन क्रेडिट सुईस की ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका को छोड़ कर दुनिया के अन्य देशों में 44 करोड़ रुपए की नेटवर्थ वाले 20 लाख ही लोग (इंडीविजुअल) हैं। ऐसे में सवाल है कि कितने लोग अमेरिका की नागरिकता पाने के लिए ट्रम्प की गोल्ड कार्ड स्कीम में आना चाहेंगे।
- ट्रम्प का गणितः ट्रम्प 1 करोड़ लोगों को गोल्ड कार्ड देकर 4,360 लाख करोड़ रुपए मिलने की बात कह रहे हैं। उनका मानना है कि इससे अमेरिका पर वर्तमान में चढ़ा 3,052 लाख करोड़ का कर्ज आसानी से चुकाया जा सकेगा।
- ईबी-5 वीसा फेल: अमेरिका की नागरिकता पाने के लिए ईबी-5 वीसा कैटेगरी भी थी, जिसे ट्रम्प ने समाप्त कर दिया। लेकिन इसमें पिछले साल मात्र 4608 लोगों ने अमेरिका की नागरिकता ली थी। जबकि इसमें 8.75 करोड़ रुपए देने होते थे। नई गोल्ड कार्ड स्कीम इससे लगभग पांच गुना महंगी है।
- क्या कंपनी चुकाएगी: कोई भी अमेरिकी कंपनी गोल्ड कार्ड पर एक छात्र अथवा कर्मी के लिए 44 करोड़ क्यों चुकाएगी? जबकि एच-1 बी स्किल वीसा लगभग 3.5 लाख रुपए में मिलता है।
- डेस्टिनेशन दुबई: हेनले एंड पार्टनर्स के अनुसार 100 देशों में गोल्डन वीसा स्कीम। दुबई में 1.5 करोड़ रु. में गोल्डन वीसा, सबसे ज्यादा 1.58 लाख लोगों ने इसे लिया, पर इसमें नागरिकता नहीं मिलती है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि गोल्ड कार्ड से अमेरिकी कंपनियां यहां पढ़ रहे भारत के टैलेंटेड स्टूडेंट्स को जॉब्स दे सकेंगी। हार्वर्ड और वॉर्टन कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद भारतीय स्टूडेंट्स को आसानी से अमेरिका की नागरिकता भी मिल सकेगी। ट्रम्प ने कहा, अब तक की इमिग्रेशन पॉलिसी भारतीय स्टूडेंट्स के टैलेंट को अमेरिका में रोक पाने में कारगर साबित नहीं हो रही थी। भारत और अन्य देशों के स्टूडेंट्स अमेरिका में पढ़ाई करने के बाद अपने-अपने देशों में जाकर वहां की इकोनॉमी को बढ़ा रहे हैं।
ट्रम्प का ऐलान
4 मार्च से चीन पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगेगा ट्रम्प ने गुरुवार को ऐलान किया कि चीन पर 4 मार्च से 10% और टैरिफ लगाएंगे। ट्रम्प पहले ही एक फरवरी से चीन पर 10% टैरिफ लगा चुके कनाडा-मैक्सिको पर भी प्रस्तावित 25% टैरिफ 4 मार्च से लागू होंगे।
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