नई दिल्ली. दिल्ली के एक अपीलीय ट्रिब्यूनल ने आइसीआइसीआइ बैंक ( ICICI Bank ) की पूर्व सीईओ चंदा कोचर ( Chanda Kochhar ) को 300 करोड़ रुपए के लोन के बदले 64 करोड़ रुपए की रिश्वत लेने के मामले में दोषी करार दिया है।
ट्रिब्यूनल ने फैसले में कहा कि रिश्वत उनके पति की कंपनी के जरिए दी गई थी। यह धन शोधन निवारण अधिनियम और बैंक की आंतरिक नीतियों का उल्लंघन है। चंदा कोचर ने पद का गलत इस्तेमाल किया और जरूरी खुलासे (डिस्क्लोजर) नहीं किए।
ट्रिब्यूनल ने पाया कि आइसीआइसीआइ बैंक द्वारा 2012 में वीडियोकॉन को 300 करोड़ रुपए का लोन देने के ठीक एक दिन बाद वीडियोकॉन की एक सब्सिडियरी कंपनी से 64 करोड़ रुपए चंदा के पति दीपक कोचर की कंपनी नूपावर रिन्यूएबल्स को ट्रांसफर किए। दस्तावेजी सबूतों और पीएमएलए की धारा 50 के तहत दर्ज बयानों से रिश्वत का लेन-देन स्पष्ट हुआ है। ट्रिब्यूनल ने फैसले में चंदा कोचर द्वारा अपने पति के कारोबारी संबंधों की जानकारी छिपाने को ‘हितों के टकराव’ का गंभीर उल्लंघन बताया।
Dolby Cinema in India: पुणे-बेंगलुरु में डॉल्बी सिनेमा शुरू…थिएटर का नया दौर।
पुराना आदेश पलटा
इस मामले में कोचर दंपती की 78 करोड़ रुपए की संपत्तियों को ईडी ने जब्त किया था, लेकिन नवंबर 2020 में एक अदालत ने संपत्तियां छोड़ने का आदेश दिया। ट्रिब्यूनल ने उस आदेश को गलत ठहराते हुए ईडी की कार्रवाई को सही बताया। ट्रिब्यूनल ने कहा, अदालती आदेश ने अहम तथ्यों को नजरअंदाज किया था। हम उस आदेश से सहमत नहीं हैं।
ICICI Bank CEO Chanda Kochhar News: चंदा कोचर 64 करोड़ की घूस लेने के मामले में दोषी करार
The Street Morning
Discover more from The Street Morning
Subscribe to get the latest posts sent to your email.
Ujjain Municipal Corporation Revenue Dipartment: उज्जैन नगर निगम दुकानों की छत को लीज पर देने की तैयारी में - UJJAINVAANI
[…] […]