Invest In Gold : भारत में डिजिटल गोल्ड का तेजी से बढ़ता बाजार

Invest In Gold : भारत में डिजिटल गोल्ड का तेजी से बढ़ता बाजार

डिजिटल गोल्ड निवेश का यह तारिका कितना सुरक्षित है?

जॉर“, “सेफ गोल्ड“, “गुल्लाक” या अन्य डिजिटल गोल्ड प्लेटफॉर्म के नाम है जहां सोने में निवेश करना बेहद आसन है। बस मोबाइल नंबर डालिए थोड़ी देर में ओटीपी लीजिए और फिर कुछ ही सेकंड में आपका माइक्रो सेविंग अकाउंट तैयार। निवेश में इस आसानी की वजह से प्लेटफॉर्म में तेजी देखी जा रही है। उदाहरण के लिए भारत में डिजिटल गोल्ड स्पेस के पोस्टर बॉय माने जाने वाले “जार” को ही लीजिए। कुछ वर्ष पहले ही कंपनी के सह संस्थापक निशचय एजी ने ट्वीट किया था की कंपनी के वर्षिक राजस्व में दिसंबर 2023 की तुलना में दिसंबर 2024 में 10 गुना से अधिक आय से सफा हो गया है।

तो इसका मतलब क्या है?

यही की डिजिटल गोल्ड ने आखिरकार उस देश में जगह बना ली जहां पीली धातु के भौतिक रूप, मसलन, गाहनों, सिक्कों, बार आदि के प्रति गहरा प्रेम देखा जाता है। डिजिटल गोल्ड को बिना भौतिक स्वामीत्व के ऑनलाइन खरीद करके इसको प्लेटफॉर्म में सुरक्षित रखा जा सकता है।

डिजिटल गोल्ड का बाजार कितना बड़ा?

डिजिटल गोल्ड बाजार अभी रेगुलेट नहीं है और इसलिए इसके आधारित आंकाडे भी उपलब्ध नहीं है। लेकिन “दी केन” से बात करने वाले स्वर्ण उद्योग के विशेषज्ञ ने इस बात की। बाजार पर काफी हद तक भौतिक सोने की बादशाह होने के बावजूद डिजिटल गोल्ड अभी निवेश के एक विकल्प के रूप में तेजी से उभर रहा है। डिजिटल गोल्ड ” सैफ गोल्ड ” के संस्थापक गौरव मथुर के मुताबिक डिजिटल गोल्ड उद्योग की बिक्री प्रति माह लगभग 600 करोड़ तक पहुंच गई है, जो पीछले वर्ष की तुलना में 40% अधिक है। इसका मतलब है की वार्षिक बिक्री 7000 करोड़ से अधिक हो रही है जो गोल्ड एक्सचेंज रेट फंड ईटीएफ की बिक्री से बहुत पीछे नहीं है। एसोसिएशन आफ म्यूचुअल फंड इन इंडिया के आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल से दिसंबर 2024 के बीच गोल्ड ईटीएफ मैं लगभग 10000 करोड़ का निवेश हुआ जो पीछले वर्ष के कुल निवेश की तुलना में करीब दो गुना है।

क्यों बढ़ रहा है निवेश?

डिजिटल गोल्ड में आई भारी निवेश में बढ़ोतरी की वजह क्या है गोल्ड रिफाइन एंड एग्रीगेट के निर्देशक सचिन कोठारी के मुताबिक इसकी वजह बहुत साफ है। रिटर्न यह बताते हैं की पीछले कुछ वर्षों के दौरान सोने के मजबूत प्रदर्शन का सिलसिला 2024 में भी जरी रहा। वर्ल्ड गोल्ड काउंसएलएलिंग के आंकड़ों के अनुसार सोने ने 21% रिटर्न दिया है जो लगभग हर बड़े भारतीय एसेट्स क्लास से कहीं बेहतर रहा। इसी वजह से डिजिटल गोल्ड में निवेश बढ़ा है। इसके अलावा दूसरी वजह ऐसा निवेश पकड़िया इसके लिए ना डिमैट अकाउंट खोलना जरूरी है और ना ही बहुत बड़ी राशि होना जरूरी है। ” जार ” जैसी कंपनी ₹10 जैसे अत्यंत छोटी रकम से भी गोल्ड खरीदने का मौका देती है।
                        अनिश्चितता भी कम नहीं डिजिटल गोल्ड की सबसे बड़ी खासीयत इसकी आसन निवेश प्रक्रिया है लेकिन इसी सहूलियत की भी एक कीमत है गोल्ड ईटीएफ और अन्य निवेश साधनों के विपरित जिसमें निवेशक को डिमैट खाता खोलना पड़ता है और सेबी के सख्त नियमों का पालन करना होता है। डिजिटल गोल्ड को लेकर कोई रेगुलेशन नहीं है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसलिंग जेसे संस्थाएं पहले ही भारतीय रिजर्व बैंक से इस क्षेत्र को रेगुलेट करने और निर्देश लाने की अपील कर रही है। सेबी भी डिजिटल गोल्ड को लेकर सतक रही है। साल 2021 में, सेबी ने डिजिटल गोल्डफिश शक्ति दिखाते हुऎ सलाहकरों को इसे बेचने या सुझाने से प्रतिबंधित कर दिया था, लेकिन जांच सेबी के दायरे से बहार रहने वाली कंपनीयां, डी मेट खाता और बिना केवाईसी के छोटे निवेशकों को जोडती रही है।

रेगुलेट करने पर सरकर कर रही विचार।

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल इंडिया के सीईओ सचिन जैन के मुताबिक, वर्ष 2024 में भारतीय रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रलय डिजिटल गोल्ड कंपिनयों के लिए दिशा निर्देश तैयार करने के अपील की गई थी। इसका मकसद ग्रोथ को सुव्यवस्थित करना, बचतों की सुरक्षा करना, धोखाधड़ी करने वाले ऑपरेटर पर  लगाम लगाना सरकर ने इस पर ध्यान देना शुरू कर दिया है। एक प्रमुख डिजिटल गोल्ड कंपनी के वरिष्ठ आईटी अधिकारी के मुताबिक इस प्रक्रिया को आगे बढ़ने के लिए चर्चा जरी है। हालांकि इस अधिकारी के मुताबिक, केवाईसी नियमों के लागु होने से माइक्रो निवेश करने वाले ग्रहकों की संख्या में गिरावत आएगी। क्योंकी ग्राहक बड़े निवेश के लिए तो केवाईसी प्रक्रिया पुरी करने को तैयार हो सकते हैं लेकिन छोटे और माइक्रो निवेश के लिए वाह इस झंझाट से बचाना चाहेंगे।

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