Invest In MP : मध्यप्रदेश मे करो निवेश, प्रदेश सरकार का विशेष कार्यक्रम।

“एक जिला-एक उत्पाद” हमारे कारीगरों और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में एक्सपो माध्यम से हम अपने स्थानीय उत्पादों को वैश्विक मंच देने जा रहे हैं, जिससे प्रदेश के उद्योगों, विशेष रूप से हस्तशिल्प और कृषि उत्पादों को नई पहचान मिलेगी। यह एक्सपो न केवल हमारे कारीगरों के कौशल को प्रदर्शित करेगा, बल्कि उन्हें नए व्यावसायिक अवसर भी प्रदान करेगा। ” मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भोपाल में आयोजित होने वाली 2 दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में “एक जिला-एक उत्पाद” एक्सपो प्रदेश के पारंपरिक उद्योगों और हस्तशिल्प को वैश्विक मंच प्रदान करेगा। इसमें मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों के विशिष्ट उत्पादों को प्रदर्शित किया जाएगा, जिससे स्थानीय शिल्प, कृषि और खाद्य उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलेगी।
खाद्य और कृषि उत्पादों की झलक
एक्सपो में खाद्य, मसाले और फलों से जुड़े 32 ओडीओपी उत्पादों के स्टॉल पर उनकी निर्माण प्रक्रिया के साथ प्रदर्शित किया जाएगा। यहाँ प्रतिनिधि इन उत्पादों को न केवल देख और समझ सकेंगे, बल्कि उन्हें खरीद भी पाएंगे। साथ ही 16 लाइव काउंटरों पर मध्यप्रदेश की पारंपरिक कला और शिल्प का प्रदर्शन होगा, जहाँ अतिथि स्वयं इस प्रक्रिया में शामिल हो सकेंगे।
ओडीओपी ज़ोन परंपरा और नवाचार का संगम
एक्सपो में प्रदेश के 38 ओडीओपी उत्पादों के लिए विशेष स्टॉल लगाए जाएंगे, जिन्हें लाइव काउंटर और प्रोसेस काउंटर में विभाजित किया गया है। लाइव काउंटर बाघ प्रिंट, जरी जरदोजी, बाटिक प्रिंट, कालीन, चंदेरी साड़ी, बांस, बलुआ पत्थर और कपड़े की जैकेट जैसे आठ प्रमुख उत्पादों के निर्माण की प्रक्रिया को कारीगरों द्वारा लाइव प्रस्तुत किया जाएगा। खास बात यह है कि प्रतिनिधि और अतिथि कारीगरों के मार्गदर्शन में खुद भी इन उत्पादों को बनाने का अनुभव ले सकेंगे।
ग्लोबल समिट में एक छत के नीचे पूरा मध्यप्रदेश
भोपाल. ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) में मेहमानों को पूरा मप्र दर्शन कराने की तैयारी है। इसके लिए एक जिला, एक उत्पाद ग्राम बनाया जा रहा है। इस गांव में मप्र के 52 जिलों के उत्पाद होंगे। हालांकि, काउंटर 38 बनाए गए हैं, क्योंकि कई जिलों के प्रोडक्ट एक ही हैं। इसमें भोपाल का जरी जरदोजी और जुट प्रोडक्ट का लाइव काउंटर भी होगा। ये काउंटर मानव संग्रहालय परिसर में बनी झोपड़ियों में लगाए जाएंगे, ताकि देशी-विदेशी मेहमानों को प्रदर्शनी में गांव की झलक भी नजर आए। इसका मकसद मप्र के हर जिले की विशिष्ट कला और कौशल को एक छत के नीचे लाकर पारंपरिक शिल्प को आधुनिक बाजार से जोड़कर नई पहचान देना है।
कारीगरों के भविष्य को नई दिशा : एक्सपो कारीगरों को नए व्यावसायिक अवसर प्रदान करेगा। प्रत्येक काउंटर पर आने वाले आगंतुकों का डेटा एकत्र किया जाएगा, जिससे भविष्य में बी-टू-बी और बी-टू-सी नेटवर्किंग के माध्यम से कारीगरों को बाज़ार से जोड़ा जा सके। इस डेटा प्रबंधन की ज़िम्मेदारी भोपाल के प्रतिष्ठित कॉलेजों के छात्रों को दी गई है, जिससे उन्हें भी व्यावहारिक अनुभव मिलेगा।
स्थानीय उत्पादों को मिलेगा वैश्विक मंच : ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में ओडीओपी एक्सपो न केवल मध्यप्रदेश के शिल्प और उत्पादों को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने का माध्यम बनेगा, बल्कि कारीगरों और निवेशकों के बीच एक मजबूत सेतु की भूमिका भी निभाएगा।
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