Manipur News :- मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू।

Manipur news :- मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू।

Imphal, पूर्वोत्तर राज्य Manipur में राष्ट्रपति शासन लागू होने और विधानसभा को निलंबित किए जाने के एक दिन बाद अब सभी की निगाहें भारतीय जनता पार्टी ( BJP ) के केंद्रीय नेतृत्व पर टिकी हैं कि वह राज्य में अगला कदम क्या उठाएगा। केंद्र की ओर से राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के बाद पूरे राज्य में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

                      मणिपुर में गुरुवार शाम को राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था और विधानसभा को निलंबित कर दिया गया। कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ( N. Biren Singh )ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद यहां राजनीतिक अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो गई थी।
                            यह निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि भाजपा अपने पूर्वोत्तर प्रभारी संबित पात्रा और विधायकों के बीच कई दौर की चर्चा के बावजूद मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार पर आम सहमति बनाने में विफल रही थी।
                             मणिपुर में भाजपा सरकार का नेतृत्व कर रहे सिंह ने लगभग 21 महीने की जातीय हिंसा के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। हिंसा की घटनाओं में अब तक 250 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।
मणिपुर विधानसभा का कार्यकाल 2027 तक था।
भाजपा की मणिपुर इकाई की अध्यक्ष ए शारदा ने पत्रकारों से कहा कि विधानसभा को संवैधानिक प्रक्रिया के अनुसार निलंबित कर दिया गया है और उन्होंने जोर देकर कहा कि सदन को अभी भंग नहीं किया गया है।
                                                                           इस बीच, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की मणिपुर इकाई ने कहा कि राष्ट्रपति शासन तत्काल हटाया जाना चाहिए और जल्द से जल्द नये चुनाव कराए जाने चाहिए।
                                                                                           माकपा की राज्य समिति के सचिव के शांता ने संवाददाताओं से कहा कि पार्टी समान विचारधारा वाले अन्य दलों के साथ राष्ट्रपति शासन के दौरान राज्य की क्षेत्रीय अखंडता के लिए खड़ी रहेगी।
उन्होंने कहा कि राज्य में हालात सुधरने पर सदन को बहाल किया जा सकता है।
इस घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाना भाजपा की ओर से शासन करने में उसकी अक्षमता की देर से की गई स्वीकारोक्ति है।
                                                          गांधी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ” मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू करना भाजपा द्वारा मणिपुर में शासन करने में उसकी पूर्ण अक्षमता की देर से स्वीकारोक्ति है। अब प्रधानमंत्री मोदी मणिपुर के लिए अपनी सीधी जिम्मेदारी से इनकार नहीं कर सकते।”
उन्होंने सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री ने अंतत राज्य का दौरा करने और मणिपुर और भारत के लोगों को वहां शांति एवं सामान्य स्थिति बहाल करने की अपनी योजना समझाने का मन बना लिया है?
                                                              वहीं कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘X’ पर अपने पोस्ट में कहा, ”आखिरकार वह हुआ जिसकी मांग भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पिछले 20 महीनों से कर रही थी। मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है।’
स्वदेशी जनजातीय नेता मंच (ITLF) के नेता गिन्जा वुअलजोंग ने कहा कि राष्ट्रपति शासन कुकी-जो समुदाय में उम्मीद जगाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि मेइती समुदाय का मुख्यमंत्री होने से लोगों को राहत नहीं मिलेगी।
                                                       उन्होंने कहा,” कुकी-जो अब मेइती पर भरोसा नहीं करते इसलिए नया मेइती मुख्यमंत्री होने से लोगों को राहत नहीं मिलेगी। राष्ट्रपति शासन से कुकी-जो में उम्मीद जगेगी और हमारा मानना है कि यह हमारे राजनीतिक समाधान के एक कदम करीब होगा।’

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