
Mutual Funds : निवेश के लिए कई सारे ऑप्शन होते हैं। इन ऑप्शन में से म्यूचुअल फंड काफी चर्चा में है। ये इंवेस्टमेंट का एक पॉपुलर ऑप्शन है। म्यूचुअल फंड भी एक तरह का फंड है। इसमें बहुत सारे लोग एक जगह पर पैसे निवेश करते हैं और निवेशकों द्वारा लगाए जाने वाले पैसों को स्टॉक, बांड, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट और अन्य प्रकार की इक्विटी में लगाया जाता है। म्यूचुअल फंड को एसेट मैनेजमेंट कंपनियां मैनेज करती है।
एसेट मैनेजमेंट कंपनियों के पास कई म्यूचुअल फंड स्कीम होती है और म्यूचुअल फंड में जो भी निवेश करता है उसे फंड के प्रॉफिट और नुकसान को उठाना पड़ता है। अब आप ये सोच रहे होंगे कि आखिर Active Mutual Fund और Passive Mutual Fund क्या है, तो चलिए इनके बारे में आपको बताते हैं।
Active Mutual Fund और Passive Mutual Fund में अंतर
Active Mutual Fund में फंड मैनेजर ही मैनेज करता है और अपनी रिसर्च के अनुसार, फंड के सेगमेंट, सेक्टर या थीम को ध्यान में रखते हुए सही स्टॉक्स को चुनते हैं और पोर्टफोलियो को मैनेज करते हैं।
Active Mutual Fund का लक्ष्य मार्केट को आउटपरफॉर्म करने का होता है। इसमें बेहतर रिटर्न मिलने की उम्मीद की जाती है, क्योंकि इसे फंड मैनेजर मैनेज करते हैं लेकिन इस बात का भी ध्यान रखना जरूरी है कि ऐसा जरूरी नहीं है कि Active Mutual Fund हमेशा बेहतर रिटर्न दे।
Passive Mutual Fund मैनेजर यह तय नहीं करता कि फंड में कौन-सी कंपनियां शामिल होंगी। ये फंड्स किसी खास इंडेक्स, जैसे NIFTY 50 या SENSEX, को फॉलो करते हैं और इसलिए इन्हें आमतौर पर इंडेक्स फंड भी कहते हैं।
Active Mutual Fund में अधिक फीस और एक्सपेंस रेशियो होता है वहीं, Passive Mutual Fund में ऐसा नहीं होता है। Passive Mutual Fund लो-कॉस्ट फंड होते हैं और इनके स्टॉक सिलेक्शन और रिसर्च में कुछ खर्च नहीं होता है।
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