Khalistani Terrorist Hardeep Singh Nijjar Murder Case: आखिरकार कनाडा के पीएम Justin Trudeau पूरी तरह बेनकाब हो गए हैं. Canada के आधिकारिक आयोग की रिपोर्ट में पुष्टि की गई है कि हरदीप सिंह निज्जर ( Hardeep Singh Nijjar ) की हत्या का किसी अन्य देश विशेष रूप से India से कोई ठोस संबंध साबित नहीं हुआ है. इस रिपोर्ट ने कनाडा के Prime minister Justin Trudeau के उन आरोपों को खारिज कर दिया है जिनमें उन्होंने भारतीय एजेंटों पर इस हत्या में संलिप्त होने का आरोप लगाया था. कनाडा की एक और एजेंसी ने इस बात को स्वीकार किया है कि खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर ( Khalistani Terrorist Hardeep Singh Nijjar )की हत्या को लेकर पूर्व पीएम जस्टिन ट्रुडो की तरफ से लगाये गये आरोपों को लेकर उनके पास कोई पुख्ता सबूत नहीं है। इस बार यह बात विदेशी हस्तक्षेप पर कनाडा सरकार की तरफ से गठित एक आयोग ने कही है।
आयोग ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि Khalistani Terrorist Hardeep Singh Nijjar की हत्या में भारतीय एजेंसियों के संदेहास्पद संबंध को साबित करने को लेकर कोई ठोस लिंक नहीं है। इस समिति का गठन सितंबर, 2023 में पीएम टुड्रो ने ही न्यायाधीश मैरी-जोसी होग की अगुवाई में गठित की थी, ताकि वहां के चुनावों में विदेशी ताकतों के हस्तक्षेप को लेकर स्थिति साफ हो सके।आयोग ने मंगलवार (28 January) को अपनी रिपोर्ट सौंपी है।
भारत ने रिपोर्ट को सिरे से किया खारिज
इस रिपोर्ट में India को Russia, China, Pakistan के साथ Canada के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने भारत के हस्तक्षेप संबंधी बातों को पूरी तरह से खारिज किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा है कि, “हकीकत यह है कि कनाडा भारत के आंतरिक मामलों में लगातार हस्तक्षेप करता रहा है।
इससे वहां गैर कानूनी तौर पर लोगों के आने और संगठित तौर पर अपराध करने का माहौल भी बना है। भारत के बारे में इसमें जो कहा गया है, हम उसे पूरी तरह से खारिज करते हैं और उम्मीद करते हैं कि गैरकानूनी तौर पर प्रवास कराने की जो व्यवस्था स्थापित की गई है उसे आगे जारी नहीं रखा जाएगा।’
पहले भी आरोपों के नहीं थे कोई ठोस सबूत
बताते चलें कि भारतीय एजेंसियों पर कनाडा में हत्या कराने के गंभीर आरोप को लेकर यह पहला मौका नहीं है जब यह बात सामने आई हो कि इस बारे में उनके पास कोई ठोस सबूत नहीं है। पीएम टुड्रो ने यह आरोप लगाया था और बाद में एक संसदीय आयोग के समक्ष सुनवाई में स्वीकार किया था कि जब आरोप लगाये थे तब उनके पास कोई ठोस सबूत नहीं थे।
भारत ने जताई थी कड़ी प्रतिक्रिया
नवंबर, 2024 में कनाडा के कुछ समाचार पत्रों ने इस बारे में खबर प्रकाशित की थी कि भारतीय एजेंसियों ने निज्जर की हत्या भारत सरकार के उच्च पदों पर आसीन व्यक्तियों के इशारों पर किया था। भारत ने इस पर बेहद कड़ी प्रतिक्रिया जताई थी। इस पर कनाडा की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नथाली जी ड्राउन ने कहा था कि, उनके पास इस तरह की कोई सबूत नहीं है जो भारत के शीर्ष राजनीतिक हस्तियों के कनाडा में गंभीर आपराधिक मामले से संबंधित करते हों।
आयोग ने लगाई फटकार
दरअसल मंगलवार को जारी की गई ‘संघीय चुनाव प्रक्रियाओं और लोकतांत्रिक संस्थाओं में विदेशी हस्तक्षेप की सार्वजनिक जांच’ नामक रिपोर्ट में इस मामले की गहन जांच की गई. आयोग की प्रमुख मैरी-जोसे हॉग ने रिपोर्ट में कहा कि गलत सूचना को प्रतिशोधात्मक रणनीति के रूप में इस्तेमाल किया जाता है और बिना ठोस सबूत के ऐसे आरोप अंतरराष्ट्रीय संबंधों को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
राजनयिक संबंधों में तनाव
सितंबर 2023 में ट्रूडो ने कनाडाई संसद में दावा किया था कि उनके पास विश्वसनीय सबूत हैं कि जून 2023 में ब्रिटिश कोलंबिया में हुई Khalistani Terrorist Hardeep Singh Nijjar की हत्या के पीछे भारत सरकार के एजेंटों का हाथ है. इस बयान के बाद भारत और कनाडा के बीच राजनयिक संबंधों में तनाव बढ़ गया था और दोनों देशों ने एक-दूसरे के राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था.
वैश्विक स्तर पर आलोचना
इस 123 पन्नों की रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि कनाडा ने अक्टूबर 2024 में छह भारतीय राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था. जिसके जवाब में भारत ने भी छह कनाडाई राजनयिकों को देश से बाहर का रास्ता दिखाया और अपने उच्चायुक्त को वापस बुलाने की घोषणा की. इस निष्कर्ष के सामने आने के बाद ट्रूडो की सरकार की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो रहे हैं. उनके आरोपों को लेकर वैश्विक स्तर पर आलोचना हो रही है.