न्यूयॉर्क. अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को कतर ने 4,000 लाख डॉलर (करीब 3426 करोड़ रुपए) का बोइंग 747-8 विमान तोहफे में दिया है। इसकी डिलीवरी को लेकर पेच फंसा हुआ है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इसकी डिलीवरी 2027 से पहले होने की उम्मीद नहीं है सुरक्षा क्लियरेंस के कारण इसका हैंडओवर 2029 या उसके बाद तक होगा। यानी ट्रंप संभवतः राष्ट्रपति पद पर रहते हुए इसका इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप की कतर यात्रा के दौरान अमरीका ने संघीय नियमों व विनियमों के मुताबिक कतर से बोइंग 747 का तोहफा लेना मंजूर किया। यह जंबो जेट अत्याधुनिक तकनीकों से लैस है। चार जेनएक्स-2बी टर्बोफैन इंजन वाली बोइंग 747 सीरीज के सबसे बड़े विमान में आलीशान मास्टर बेडरूम, कॉन्फ्रेंस रूम, डाइनिंग एरिया, लाउंज व बाथरूम की सुविधा है। सुरक्षा के लिए इंफ्रारेड जैमर भी लगा है।
बदलाव पर करोड़ों करने होंगे खर्च
पेंटागन के पूर्व अधिकारियों और एयरोस्पेस विशेषज्ञों का कहना है कि एयरफोर्स वन (अमरीकी राष्ट्रपति का विमान) के मानकों को पूरा करने के लिए विमान में कई बदलाव करने पड़ेंगे। मिसाइल डिफेंस सिस्टम, सैन्य-स्तरीय एन्क्रिप्टेड कम्युनिकेशन, युद्ध से निपटने के लिए सुरक्षित कमांड सूट, मेडिकल इमरजेंसी सुविधाओं समेत अन्य बदलाव पर एक अरब डॉलर तक का खर्चा आ सकता है।
अगर मुफ्त मिले तो क्यों न लें….
अमरीका की विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी इस तोहफे की आलोचना कर रही है। इसके नेताओं का कहना है कि यह संविधान के खिलाफ है, जो विदेशी तोहफे लेना प्रतिबंधित करता है। ट्रंप ने गिफ्ट का बचाव करते हुए कहा कि अगर मुफ्त में विमान मिल सकता है तो टैक्सपेयर्स के पैसे क्यों खर्च किए जाएं। इससे सरकार का पैसा बचेगा। वाइट हाउस का कहना है कि विमान को ट्रंप के कार्यकाल के बाद राष्ट्रपति लाइब्रेरी को भेज दिया जाएगा।
Qatar Gift Plane to Trump: राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को 3426 करोड़ रुपए का बोइंग विमान तोहफे में।
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