Mehsana : Gujarat के Mehsana district जिले के विसनगर ( Visnagar ) तालुका के Shunshi Village गांव में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल एंड सिट्रस ( Center of excellence for vegetables and citrus ) स्थित है. इस सेंटर की शुरुआत कुछ समय पहले की गई थी. यहां मौसंबी, संतरा और सब्जियों की फसलों के ट्रायल लेकर विभिन्न किस्मों का मूल्यांकन किया जाता है. इन फसलों का उत्पादन कैसे बढ़ाया जा सकता है और किसानों को कैसे लाभ हो सकता है, इस पर प्रयास किए जाते हैं. साथ ही, यहां किसानों को नींबू के पौधों की देखभाल से लेकर हार्वेस्टिंग तक की सभी जानकारियां दी जाती हैं.
बड़े पैमाने पर नींबू की खेती
बता दें कि मेहसाणा जिले में बड़े पैमाने पर नींबू की खेती की जाती है. इसके लिए मेहसाणा के सूनशी गांव में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल एंड सिट्रस स्थित है. यहां किसानों को नींबू की खेती के अलावा ड्रिप इरिगेशन, मल्चिंग और प्राकृतिक कृषि (Natural Agriculture) आदि सिखाई जाती है. यहां तीन प्रकार के प्रशिक्षण आयोजित किए जाते हैं. एक दिन का प्रशिक्षण, आवासीय प्रशिक्षण (Residential Training) और विकास प्रशिक्षण. उत्तर गुजरात के जिलों के किसान यहां प्रशिक्षण लेने आते हैं.
बता दें कि सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल एंड सिट्रस में प्रोजेक्ट ऑफिसर ( Project Officer )के रूप में कार्यरत विलासभाई एन. पटेल ( Vikas bhai N. patel ) ने बताया, “किसानों के लिए तीन प्रकार के प्रशिक्षण का आयोजन किया जाता है. एक दिन के प्रशिक्षण में आसपास के किसान आते हैं और नींबू की खेती के बारे में सीखते हैं. दूसरा कौशल विकास प्रशिक्षण (Skill Development Training) होता है, जिसके लिए एडवांस कैलेंडर जारी किया जाता है. यह प्रशिक्षण 15 से 30 दिनों का होता है और आवासीय होता है. सरकार द्वारा प्रति व्यक्ति 250 रुपये का भुगतान किया जाता है. किसानों को नींबू की खेती के बारे में गहराई से सिखाया जाता है.”
विलासभाई पटेल ( Vikas bhai patel ) ने आगे बताया, “इस प्रशिक्षण में भाग लेने के लिए बागवानी निदेशक की वेबसाइट पर जानकारी दी जाती है. इसके बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है. इसके अलावा, हमारे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल एंड सिट्रस से संपर्क करके भी इन प्रशिक्षणों में शामिल हो सकते हैं. सेंटर पर पौधों की भी देखभाल की जाती है, जिसमें मुख्य रूप से कागदी नींबू के पौधों की देखभाल की जाती है. किसानों को निर्धारित कीमतों पर पौधे दिए जाते हैं. वर्तमान में प्रति पौधा 20 रुपये की कीमत है. इसके अलावा, भविष्य में मौसंबी और अन्य सिट्रस फलों के उच्च गुणवत्ता वाले पौधों की देखभाल के लिए भी काम शुरू है.”