मप्र पहला राज्य बनने जा रहा है, जहां समर्पित टेलीकॉम मैन्युफैक्चरिंग जोन ( THZ ) की स्थापना की जा रही है। यह जोन ग्वालियर के साड़ा क्षेत्र में 350 एकड़ पर बनेगा। इसमें दूरसंचार क्षेत्र से जुड़ी एसेसरीज, सिम कार्ड, चिप्स, मोबाइल डिवाइसेस, 6जी टेक्नोलॉजी से जुड़ा रिसर्च एंड डवलपमेंट तक बनाई जाएंगी। टीएचजेड के लिए साड़ा की 271 हेक्टेयर और ग्वालियर आईटी पार्क की 70 एकड़ जमीन औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग को ट्रांसफर की जाएगी। जमीन ट्रांसफर करने को मंगलवार को कैबिनेट में मंजूरी मिल सकती है। इस परियोजना में 10 हजार करोड़ रुपए तक के निवेश की संभावना है। दावा है कि इससे 5 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा।
केंद्र सरकार और बड़ी कंपनियों की भागीदारी
सीएम डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में सोमवार को हुई उच्च स्तरीय बैठक में डिक्सन, एरिक्सन, वॉयकॉन, वीवीडीएन, तेजस जैसी देश-विदेश की कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल हुए। सीएम ने कहा, ‘टेलीकॉम सेक्टर में निवेश के लिए एमपी आने वाले हर उद्यमी की हरसंभव मदद की जाएगी।’ उन्होंने बताया कि 27 अप्रैल को इंदौर में होने वाले आईटी कॉन्क्लेव में टीएमजेड से जुड़े निवेश प्रस्तावों को औपचारिक रूप से आमंत्रित किया गया है।
टेलीकॉम मैन्युफैक्चरिंग जोन क्यों जरूरी?
वर्ष 2025 तक वैश्विक टेलीकॉम बाजार करीब 1.74 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान है। भारत की हिस्सेदारी अभी महज 4.41 लाख करोड़ रुपए है। इस अंतर को पाटने के लिए केंद्र सरकार राष्ट्रीय टेलीकॉम मैन्युफैक्चरिंग नीति पर काम कर रही है, जिसमें ग्वालियर का टीएमजेड पहला मॉडल जोन होगा।
Telecom Manufacturing Zone ( THZ ) : 10 हजार crore के निवेश से बनेगा देश का पहला टेलीकॉम मैन्युफैक्चरिंग जोन ( THZ )
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