अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के व्यापार युद्ध से बोइंग को फायदा हो रहा है। ( Trump Trade War News ) दिग्गज एयरोस्पेस कंपनी को लगातार नए ऑर्डर मिल रहे हैं। वर्षों से संकट में घिरी बोइंग के लिए ये सौदे नया जीवन साबित होंगे। इससे ट्रम्प को भी यह दावा करने का मौका मिलेगा कि उनकी ट्रेड नीतियों से अमेरिकन मैन्युफैक्चरिंग को मदद मिल रही है। इस माह इंडोनेशिया और जापान से बोइंग जेंट के ऑर्डर मिले हैं। बहरीन, यूएई, सऊदी अरब से भी सैकड़ों विमानों के सौदे इस साल हो चुके हैं। मई में कतर एयरवेज ने 150 बड़े बोइंग विमानों का ऑर्डर दिया है।
एविएशन विशषज्ञों को संदेह है कि बोइंग के प्लेन खरीदने के लिए अमेरिकी व्यापार वार्ताकारों ने दबाव डाला है। विदेशी सरकारें और एयरलाइंस इतनी महंगी खरीद महीनों सोच- विचार के बाद करती हैं। वैसे एयरलाइंस के सामने ज्यादा विकल्प भी नहीं हैं। बड़े कॉमर्शियल जेट विमानों के केवल दो सप्लायर बोइंग और फ्रांस की एयरबस हैं। विशेषज्ञों का कहना है, ट्रम्प और उनके सहायकों द्वारा बोइंग के नए ऑर्डरों को अपने व्यापार सौदों का हिस्सा बताने में कोई अचरज नहीं है।
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कंपनी हजारों अमेरिकियों को रोजगार देती है। वह देश की बड़ी निर्यातक है। नए सौदों की घोषणाओं का अमेरिकी शेयर मार्केट पर भी असर पड़ा है। अप्रैल बोइंग के शेयर मूल्य लगातार बढ़ रहे हैं। उस वक्त ट्रम्प ने कई देशों पर नए टैरिफ का ऐलान किया था। विश्लेषकों का कहना है, ट्रेड डील की घोषणाओं से और अधिक ऑर्डर मिल सकते हैं। जिन खरीदारों ने ऑर्डर नहीं दिए हैं, अब उन पर प्लेन खरीदने का दबाव होगा। बाद में जरूरत पड़ने पर उन्हें इंतजार करना पड़ेगा। आज ऑर्डर किए गए विमान मिलने में वर्षों लगते हैं। बोइंग ने इस खबर के लिए टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। वैसे, कंपनी के चीफ केली ओर्टबर्ग मई में ट्रम्प के साथ मिडिल ईस्ट की यात्रा पर गए थे। इस दौरान कतर से करार हुआ था।
विशेषज्ञों का यह भी कहना है, संभव है कि कई ऑर्डर ट्रम्प के हस्तक्षेप के बिना हुए हैं। दरअसल, पिछले कई वर्षों से यात्री विमानों की मांग बहुत ज्यादा है। वहीं नए विमानों की सप्लाई सीमित रही है। पिछले साल एक उड़ान के बीच बोइंग का पैनल विमान से अलग होने के बाद, कंपनी की फैक्ट्रियों में उत्पादन धीमा पड़ गया था। एक सप्ताह की हड़ताल से भी बोइंग में प्रोडक्शन प्रभावित हुआ था।
टैरिफ का असर पड़ेगा
ट्रम्प का व्यापार युद्ध विमानों की खरीद पर असर डाल सकता है। ट्रम्प के प्रस्तावित टैरिफ से बोइंग के सप्लायर्स की माली हालत के लिए खतरा पैदा हो सकता है। इस सप्ताह बजट एयरलाइन रायनएयर ने कहा कि अगर यूरोपीय देशों ने अमेरिकी विमानों पर टैरिफ लगाए तो वह बोइंग विमानों की डिलीवरी टाल देगी।
वास्तविक ऑर्डर घोषणाओं से कम होने की भी आशंका
एविएशन कंसल्टिंग फर्म एविटास के प्रेसिडेंट एडम पिलास्क और अन्य विशेषज्ञों को वास्तविक ऑर्डर की संख्या पर संदेह है। उनका कहना है कि वास्तविक ऑर्डर उतने अधिक नहीं होंगे, जितने दिखाए जा रहे हैं। अमेरिकी सरकार, अन्य देशों और बोइंग ने विमान सौदों के बारे में ज्यादा जानकरी नहीं दी है।
उनका कहना है कि कुछ विमान डील्स पर अभी भी बातचीत हो रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का ही उदाहरण ले लीजिए उन्होंने इसी माह कहा था कि इंडोनेशिया 50 बोइंग जेट खरीदने के लिए सहमत हो गया है। हालांकि इसके बाद में इंडोनेशियाई अधिकारियों ने बताया कि सरकारी एयरलाइन गरुड़ और बोइंग के बीच डील पर अभी चर्चा चल ही रही है।
Trump Trade War News: ट्रम्प के ट्रेड वॉर से बोइंग का फायदा।
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