नई दिल्ली. अमरीकी के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और उनके परिवार के स्वामित्व वाली क्रिप्टोकरेंसी कंपनी वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल इंक (WLFI) और पाकिस्तान सरकार के बीच हुए समझौते ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक और नैतिक बहस को जन्म दिया है।
इस समझौते के कुछ ही सप्ताह बाद ही राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम की मध्यस्थता का दावा किया था। WLFI कंपनी में ट्रंप परिवार की 60% हिस्सेदारी है। WLFI ने अप्रेल 2025 में पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल (PCC) के साथ एक समझौता किया था। यह कदम पाकिस्तान की वैश्विक छवि को सुधारने और उसे नई वित्तीय व्यवस्था में शामिल करने की दिशा में एक रणनीतिक प्रयास माना जा रहा है।
पाकिस्तान मे अवैध है क्रिप्टोकरेंसी
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान व वित्त मंत्रालय ने इसे अवैध घोषित किया है। ऐसे में WLFI कंपनी और PCC के बीच हुआ समझौता और ट्रंप परिवार की इसमें भागीदारी कई सवाल खड़े करती है। यह घटनाक्रम न केवल पाकिस्तान की डिजिटल अर्थव्यवस्था की दिशा में एक नए अध्याय की शुरुआत है बल्कि, अंतरराष्ट्रीय राजनीति और व्यापारिक हितों के बीच बढ़ती जटिलताओं का भी संकेत देता है।
भारत में लागू होगा क्रिप्टो पर कानून
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, क्रिप्टो करेंसी को लेकर मौजूदा नियामकीय ढांचा और कानून बिल्कुल बेकार और पुराने हैं। क्रिप्टो करेंसी विनियमन के क्षेत्र में एक ग्रे एरिया मौजूद है और मौजूदा कानून पूरी तरह से अप्रचलित है।
जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, क्रिप्टो को लेकर अलग-अलग न्यायक्षेत्र अलग-अलग बातें कह रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के दबाव के बाद सरकार अब नया कानून बनाने की सोच रही है। सरकार जून में दस्तावेज जारी कर सकती है जिसमें बताया जाएगा कि क्रिप्टो को कैसे नियंत्रित किया जाएगा।
Trump’s Crypto Currency Company WLFI: डोनाल्ड ट्रम्प की क्रिप्टो कंपनी ने किया पाकिस्तान मे निवेश।
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Source : ujjainvaani
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