CBSE Board Exam 2026 : नए सत्र में स्टूडेंट्स के पास दो बार बोर्ड परीक्षा देने का मौका होगा।

CBSE Board Exam 2026 : नए सत्र में स्टूडेंट्स के पास दो बार बोर्ड परीक्षा देने का मौका होगा।
10 वीं के करीब 26.60 लाख स्टूडेंट्स के पास 2026 में दो बार बोर्ड परीक्षा देने का मौका होगा। इससे छात्रों के दिलो-दिमाग से बोर्ड परीक्षा का डर तो कम होगा ही, तेजी से पनपते कोचिंग कल्चर पर भी लगाम लगने की उम्मीद है। सीबीएसई ने इस सिलसिले में ड्राफ्ट पॉलिसी जारी कर उस पर प्रतिक्रिया मांगी है। आप भी 9 मार्च तक cbse. gov.in पोर्टल के जरिए अपनी राय दे सकते हैं।
बड़ा सुधार
परीक्षा वाले दिन अगर छात्र किसी वजह से अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाता, तो इसका मतलब यह नहीं कि उसमें काबिलियत नहीं है। तीन घंटे की परीक्षा उसकी क्षमताओं का सर्टिफिकेट नहीं । अब उसके पास एक और मौका रहेगा। वहीं, स्कूलों के अभी कुछ सवाल हैं, जिनका जवाब फाइनल पॉलिसी में शामिल करना होगा। इस पॉलिसी को फाइनट्यून किए जाने की जरूरत भी है ताकि छात्रों तक पूरा फायदा पहुंचे और पढ़ाई पर किसी तरह का असर न पड़े।
अधिक अवसर
10वीं में कोई छात्र पहले राउंड में पांच विषयों की परीक्षा देता है और दो विषयों में अच्छा स्कोर नहीं कर पाता, तो उसके पास दूसरे राउंड में मौका होगा। वह चाहे तो दो विषयों की परीक्षा दे या फिर दोबारा पांचों में शामिल हो । प्रैक्टिकल व इंटरनल असेसमेंट एक ही बार होगा । एक राहत यह भी है कि अगर छात्र पहले राउंड में क्वॉलिफाई नहीं हो पाया तो भी उसे 11वीं में दाखिला मिल जाएगा। दूसरे राउंड के रिजल्ट के आधार पर बाद में दाखिला कन्फर्म होगा। ऐसे में छात्रों की दोनों टेंशन दूर हो रही है। दोनों परीक्षाओं के बेस्ट स्कोर को माना जाएगा, ऐसे में छात्र अपनी रणनीति भी बना सकते हैं। ऐसा भी हो सकता है कि पहली परीक्षा में छात्र कुछ विषयों पर ज्यादा फोकस करें और दूसरी परीक्षा में दूसरे विषयों पर ध्यान ज्यादा दें। यह प्रणाली ज्यादा अवसर प्रदान करती है।
शिक्षकों पर दबाव
ड्राफ्ट पॉलिसी में 10वीं की पहले राउंड की परीक्षा 17 फरवरी से 6 मार्च और दूसरे राउंड की परीक्षा 5 मई से 20 मई के बीच प्रस्तावित की गई है। 17 फरवरी को पहला पेपर होने के बाद से ही मूल्यांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। बैक टू बैक दो एग्जाम होने से सीबीएसई पर जल्दी रिजल्ट जारी करने का प्रेशर होगा। टीचर्स पर भी दबाव बढ़ेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि अब सीबीएसई को पहले की तुलना में ज्यादा टीचर्स को मूल्यांकन में लगाना होगा ताकि समय पर नतीजा आ सके। दिसंबर-जनवरी में प्रदूषण कारण कई दिन स्कूल बंद करने पड़ते हैं। ऐसे में सिलेबस को पूरा कैसे किया जाएगा, यह भी देखना होगा।
स्कूलों के सवाल
जब दूसरे राउंड की परीक्षा होगी, तब जिन स्कूलों में सेंटर होंगे, वहां बाकी कक्षाओं के छात्रों की पढ़ाई कैसे होगी? एक अप्रैल से नया सेशन शुरू होता है और अमूमन 15 – 20 मई से गर्मियों की छुट्टियां शुरू होती हैं। ऐसे में स्कूल की वर्किंग कैसे मैनेज होगी? जून में टीचर्स की एक महीने की छुट्टियां होती हैं। जो शिक्षक परीक्षा और मूल्यांकन ड्यूटी में होंगे, उन्हें पूरी छुट्टियां मिल पाएंगी ? स्कूलों में दूसरी कक्षाओं की वार्षिक परीक्षा भी फरवरी – मार्च में होती है। इनकी भी कॉपियां चेक करने का काम है। परीक्षा के पैटर्न में बदलाव के साथ मूल्यांकन, टीचिंग मेथड्स को भी रीडिफाइन करना होगा ।

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